America on Israel Hamas War: इजराइल और फिलिस्तीन के बीच गाजा पट्टी में भीषण संघर्ष जारी है। इजराइल लगातार गाजा पर हमले कर रहा है। इसके चलते गाजा में बड़ी संख्या में लोग मारे जा रहे हैं। वहीं हमास और हिजबुल्ला के साथ ही हूती विद्रोही इजराइल पर हमला कर रहे हैं। हमास के हमले में भी बड़ी संख्या में लोगों की मौत इजराइल में हुई। अब तक इस जंग में कुल 9 हजार के करीब लोग मारे जा चुके हैं। इन सबके बीच अमेरिकी कंपनियां जमकर पैसा बना रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका के वित्तीय संस्थान इस युद्ध से जमकर पैसा बनाने की तैयारी कर रहे हैं। दरअसल, अमेरिका इजरायल को अरबों डॉलर के हथियार देने जा रहा है और इन्हें बनाने वाली कंपनियां जमकर पैसा बनाने की उम्मीद कर रही हैं। गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक वरिष्ठ शोधकर्ता काई वोन रूमोहर ने कहा, ‘हमास ने अतिरिक्त मांग पैदा की है। हमारे पास अमेरिका के राष्ट्रपति की ओर से 106 अरब डॉलर का अनुरोध है।’
तोप के गोलों की बढ़ सकती है डिमांड, बोली अमेरिकी हथियार कंपनी
उन्होंने कहा कि इस युद्ध से हथियारों की डिमांड बढ़ सकती है। उनका इशारा अमेरिका की जनरल डायनामिक्स कंपनी की ओर था जो हथियार बनाती है। वहीं जनरल डायनामिक्स कंपनी के अधिकारी जासोन एइकेन ने कहा कि इजराइल के हालात भयानक हैं और यह लगातार बदल रहे हैं। उन्होंने कहा कि तोप के गोलों की डिमांड ज्यादा आ सकती है।
मिसाइल डिफेंस के लिए मिलने जा रहा ऑर्डर
इसी तरह मोर्गन स्टैनली की क्रिस्टिन लिवाग ने हथियार निर्माता कंपनी आरटीएक्स (रेथियान) के अधिकारियों से पिछले दिनों कहा कि अमेरिका के इजराइल की मदद करने से उन्हें बड़ा वित्तीय फायदा हो सकता है। उन्होंने हथियार निर्माता कंपनी से कहा कि व्हाइट हाउस के 106 अरब डॉलर के फंडिंग अनुरोध को देखें तो आपको यूक्रेन के लिए हथियार, इजराइल के लिए हवाई और मिसाइल डिफेंस और इन दोनों के लिए हथियारों का जखीरा खाली होने पर उन्हें भरने का ऑर्डर मिलने जा रहा है।
अमेरिकी हथियारों पर क्या बोले बाइडन ?
कहा जा रहा है कि अमेरिका ने भी दुनियाभर में संघर्ष के बढ़ते खतरे को देखते हुए संसद से 106 अरब डॉलर के इमरजेंसी पैकेज को स्वीकृत करने की मांग की है। ये हथियार इजराइल, यूक्रेन और ताइवान को दिए जाने हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि दूसरे विश्वयुद्ध की तरह से ही देशभक्त अमेरिकी लोकतंत्र का हथियार बना रहे हैं और स्वतंत्रता की रक्षा कर रहे हैं। अमेरिका ने पूरे पश्चिमी एशिया में 40 हजार से ज्यादा सैनिक और महाविनाशक हथियार भेजे हैं।